29 दिसंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) उस्मान हादी की हत्या के बाद से भारत और बांग्लादेश के संबंधों में तनाव देखने को मिल रहा है. पिछले साल हुए तख्तापलट के बाद से ही बांग्लादेश ने भारत के साथ तनाव बढ़ाया है और पाकिस्तान के साथ करीब हुआ. इस तनाव को बढ़ाने वाला एक और काम रविवार को हुआ जब बांग्लादेश की पुलिस ने दावा किया कि मुख्य आरोपी भारत भाग गए हैं और भारतीय पुलिस की हिरासत में हैं. अब इस मामले में खबर आई है कि आरोपी भारत में नहीं है. BSF समेत भारत की शीर्ष खुफिया एजेंसियों ने साफ तौर पर कहा है कि इस मामले में मुख्य आरोपियों के भारत में पकड़े जाने या भारतीय हिरासत में होने की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है. CNN News18 से बातचीत में भारतीय अधिकारियों ने बताया कि अब तक जो जानकारियां बांग्लादेश के साथ साझा की गई हैं, वे केवल सीमा पर संदिग्ध गतिविधियों और कथित मददगारों के इंटरसेप्ट किए गए इनपुट पर आधारित हैं, न कि किसी आरोपी की वास्तविक गिरफ्तारी पर.

क्या भारत में आए हादी के हत्यारे?

न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक BSF ने कहा है कि उन्होंने इन खबरों की जांच की और ऐसे किसी भी व्यक्ति के भारत में आने की जानकारी गलत है. कई बार इन मामलों में गांव वाले ही इन लोगों को पहचान लेते हैं. भारतीय अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि मेघालय पुलिस की हिरासत में किसी संदिग्ध के होने का फिलहाल कोई सबूत नहीं है. खुफिया आकलन के अनुसार, दोनों संदिग्धों ने हलुआघाट और साउथ गारो हिल्स सेक्टर के जरिए अनौपचारिक सीमा मार्गों का इस्तेमाल किया हो सकता है. यह इलाका आमतौर पर आर्थिक प्रवासियों और तस्करों की ओर से इस्तेमाल किया जाता रहा है. हालांकि अब तक भारतीय क्षेत्र में उनकी मौजूदगी की पुष्टि नहीं हुई है.

बांग्लादेश की पुलिस ने भारत से क्या बात की?

सूत्रों के मुताबिक ढाका पुलिस ने मेघालय पुलिस से संपर्क जरूर किया है, लेकिन भारतीय पक्ष को अब तक न तो किसी तरह की मूवमेंट मिली है और न ही किसी गिरफ्तारी की सूचना है. भारतीय एजेंसियों का कहना है कि दोनों देशों के बीच सहयोग जारी है, लेकिन किसी नतीजे पर पहुंचना अभी जल्दबाजी होगी. दूसरी ओर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (DMP) इस मुद्दे पर अलग दावा कर रही है. DMP का कहना है कि हत्याकांड के मुख्य आरोपी फैसल करीम मसूद और उसके सहयोगी आलमगीर शेख वारदात के तुरंत बाद भारत में घुस गए थे.

बांग्लादेश पुलिस का क्या है दावा?

28 दिसंबर 2025 को DMP मीडिया सेंटर में दी गई ब्रीफिंग में अतिरिक्त आयुक्त एस एन नजरुल इस्लाम ने कहा कि दोनों आरोपी मयमनसिंह के हलुआघाट सीमा क्षेत्र से भारत के मेघालय में दाखिल हुए. उनके मुताबिक यह पूरी कार्रवाई पहले से तय मददगारों की चेन के जरिए हुई. ढाका पुलिस का दावा है कि बांग्लादेश की तरफ से हैंडलरों ने दोनों को सीमा तक पहुंचाया, जहां भारतीय क्षेत्र में उन्हें पुर्ति नाम के एक व्यक्ति ने रिसीव किया. इसके बाद टैक्सी चालक सामी के जरिए उन्हें मेघालय के तुरा की ओर ले जाया गया. डीएमपी का कहना है कि भारत से संपर्क कर आरोपियों की गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पर बात चल रही है.

क्या है बांग्लादेश बवाल का कारण?

इस पूरे मामले की जड़ में शरीफ उस्मान हादी की हत्या है, जो बांग्लादेश की राजनीति में एक बड़ा नाम था. वह शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग और भारत का मुखर आलोचक माना जाता था और जुलाई 2024 के उस आंदोलन के प्रमुख चेहरों में शामिल था, जिसके बाद शेख हसीना सरकार का पतन हुआ. इसके बाद उसने इंकलाब मंच की स्थापना की और आगामी संसदीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे था. 12 दिसंबर को हादी को नकाबपोश हमलावरों ने सिर में गोली मार दी. इलाज के लिए उसे सिंगापुर ले जाया गया, जहां बाद में उसकी मौत हो गई. इस हत्या के बाद पूरे बांग्लादेश में उग्र प्रदर्शन हुए. समर्थकों ने प्रोथोम आलो और द डेली स्टार जैसे मीडिया संस्थानों में तोड़फोड़ की और भारतीय राजनयिक ठिकानों को भी निशाना बनाया.
सारांश:
पाकिस्तान समर्थक गतिविधियों में लिप्त यूनुस को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों के अनुसार यूनुस ने देशविरोधी साजिशों की हदें पार करते हुए भारत के खिलाफ नई साजिश रची। इस मामले में उसका कनेक्शन हादी हत्याकांड के आरोपियों से जुड़ा पाया गया है, जिसे अब जांच के बाद ध्वस्त कर दिया गया। सुरक्षा एजेंसियां पूरे नेटवर्क की कड़ियों को खंगाल रही हैं और आगे की कार्रवाई जारी है।

Bharat Baani Bureau

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