21 मई(अमृतसर) : गर्मी के कारण तापमान बढ़ते ही डेंगू और चिकनगुनिया की बीमारी ने अमृतसरियों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने बीमारी के शुरुआती दौर में जिले में चिकनगुनिया के तीन और डेंगू के दो पॉजिटिव मामले दर्ज किए हैं, जबकि पिछले साल चिकनगुनिया के 531 और डेंगू के 651 मामले सामने आए थे। विभाग ने जिले में अलग-अलग स्थानों पर 20 डेंगू और चिकनगुनिया के हॉट स्पॉट क्षेत्र बनाए हैं। विभाग ने जहां सरकारी अस्पतालों में उक्त बीमारियों को लेकर पूरे इंतजाम करने का दावा किया है, वहीं वहां गठित विभिन्न टीमों को निर्देश दिया है कि जिस भी व्यक्ति के घर में डेंगू का लारवा पाया जाए, उसका जुर्माने के तौर पर तुरंत चालान काटा जाए। ये बीमारियां ऐसी हैं, जिनका अगर समय पर इलाज न किया जाए तो ये जानलेवा साबित हो सकती हैं।
जानकारी के अनुसार मौसम में बदलाव के बाद गर्मी के कारण तापमान में बढ़ौत्तरी के साथ ही डेंगू का एडी एजिप्टी मच्छर लोगों को अपनी चपेट में लेने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाता है। यह एक ऐसा मच्छर है, जो साफ पानी में पैदा होता है और सुबह और शाम के समय काटता है। अगर इस बीमारी का समय पर इलाज नहीं किया जाता तो मरीज की जान भी जा सकती है। इसके अलावा जिले में चिकन गुनिया की बीमारी भी तेजी से फैल रही है। यह बीमारी मच्छर के काटने के बाद भी अपना असर दिखाती है, यह एक ऐसा रोग जिसके लक्षण बहुत खतरनाक होते हैं और रोगी के शरीर में बहुत कष्टदायक दर्द होता है। विभाग द्वारा जहां लोगों को डेंगू और चिकनगुनिया बीमारी के प्रति जागरूक किया जा रहा है, वहीं इन बीमारियों का इलाज सरकारी अस्पतालों में किया जा रहा है।
जिला अमृतसर की बात करें तो यहां जिला मलेरिया अधिकारी डा. हरजोत कौर के नेतृत्व में टीमें फील्ड में काम कर रही हैं और लोगों को जागरूक कर रही हैं। सिविल सर्जन डॉ. सुमित सिंह ने जिले के सरकारी अस्पतालों में उक्त बीमारियों के इलाज के लिए वरिष्ठ मैडीकल अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं, वहीं मरीजों के लिए दवा व अन्य जांच टैस्ट सामग्री उपलब्ध करवाने को कहा है। यह बीमारी अभी शुरुआती चरण में है, लेकिन पिछले साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो ऐसा लगता है कि आने वाले समय में ये दोनों बीमारियां मरीजों पर ज्यादा असर दिखा सकती हैं। स्वास्थ्य विभाग ने शहरी क्षेत्र में छिड़काव के लिए नगर निगम को पत्र भी लिखा है और विभाग के आदेश के बाद निगम ने कई इलाकों में छिड़काव की व्यवस्था भी पूरी कर ली है।
लारवा मिलने वाले 32 लोगों के किए चालान
जिला मलेरिया अधिकारी डा. हरजोत कौर ने कहा कि डेंगू और मलेरिया दोनों ही बीमारिया मच्छर से होती है। लोगों को स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए और अपने आसपास साफ-सफाई बनाए रखनी चाहिए। साफ पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए, क्योंकि उक्त बीमारी पैदा करने वाला मच्छर उसमें लारवा बनाता है जिसके बाद यह बीमारी गंभीर रूप देता है। डा. हरजोत कौर ने बताया कि अब तक 32 लोगों के चालान किए जा चुके हैं, जिनके घरों में डेंगू का लारवा पाया गया है। पिछले साल 1376 लोगों के चालान काटे गए थे। नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।