यह फैसला अकाली दल (संयुक्त) की बैठक में लिया गया
चंडीगढ़ 4 मार्च (भारत बानी) शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के संस्थापक, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा लगभग 4 साल बाद शिरोमणि अकाली दल (बादल) में लौट रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस विलय के लिए मंगलवार 5 मार्च को दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेता चंडीगढ़ में एक संयुक्त बैठक के दौरान यह घोषणा कर सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, ढींडसा के बेटे और पूर्व मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा ने इस सुलह में अहम भूमिका निभाई है। शिरोमणि अकाली दल ने ढींडसा गुट के नेतृत्व को सम्मानजनक पद देने का भी वादा किया है। सूत्रों ने बताया कि पार्टी ढींडसा को शिरोमणि अकाली दल का संरक्षक मनोनीत कर सकती है और लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी का पूरा ढांचा भंग कर दिया जाएगा और पदाधिकारियों की दोबारा घोषणा की जाएगी ताकि ढींढसा गुट को भी पूरा प्रतिनिधित्व मिल सके।
ध्यान रहे कि हाल ही में अकाली दल के 103वें स्थापना दिवस के मौके पर अध्यक्ष सुखबीर बादल ने भी नाराज अकाली नेताओं से वापस लौटने की अपील की थी, जिसके बाद सुखदेव ढींडसा ने संकेत दिया था कि वे पार्टी में वापसी कर सकते हैं।
विलय की यह कोशिश शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर बादल द्वारा 2015 में बरगाड़ी में हुई बेअदबी की घटना के लिए माफी मांगने के बाद शुरू हुई। उसी दिन सुखबीर ने सभी अकाली गुटों से ‘पंथक’ एकता के लिए एकजुट होने की भी अपील की।
इसके बाद ढींडसा के नेतृत्व में शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) ने अकाली दल के साथ विलय को अंतिम रूप देने के लिए एक समिति का गठन किया, जिसने सभी जिलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं की राय ली और अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष को सौंपी। इस रिपोर्ट के बाद सोमवार 4 मार्च को अकाली दल (संयुक्त) की बैठक के दौरान पार्टी नेताओं ने सुखदेव सिंह ढींढसा को इस मामले में अंतिम फैसला लेने का अधिकार दे दिया है।
ढींडसा ने 2018 में बनाई थी अलग पार्टी
2018 में ढींडसा ने राज्य में पार्टी की हार के कारण सुखबीर बादल के इस्तीफे की मांग करते हुए अकाली दल से नाता तोड़ लिया। बाद में उन्होंने अपनी अलग पार्टी बनाई और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा, जबकि बादलों ने भाजपा के साथ अपना गठबंधन समाप्त कर दिया था।
इसके बाद सुखदेव ढींडसा ने बीजेपी के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ अपने रिश्ते मजबूत किए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें प्रकाश सिंह बादल की राजनीतिक विरासत का उत्तराधिकारी बताया था।
बीबी जागीर कौर भी अकाली दल में लौट सकती हैं
यूनाइटेड अकाली दल के इस विलय के बाद संभावना है कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की पूर्व अध्यक्ष और अकाली दल की महिला अध्यक्ष बीबी जागीर कौर भी अकाली दल में लौट सकती हैं, क्योंकि वह अकाली दल द्वारा पार्टी से निकाले जाने के बाद सुखदेव ढींडसा काफी करीब रह कर गतिविधियां करती रही है। बीबी जागीर कौर कई बार स्पष्ट कर चुकी हैं कि उन्होंने अकाली दल नहीं छोड़ा बल्कि उन्हें निष्कासित किया गया है।