पट्टा: हरियाणा के जींद जिले के गढ़ी पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र में आप सरकार अभी भी यह साबित करने की कोशिश कर रही है कि शुभकरण की हत्या हरियाणा के जींद जिले के गढ़ी पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में हुई थी: नेता प्रतिपक्ष
चंडीगढ़, 7 मार्च (भारत बानी) : आम आदमी पार्टी (आप) की अगुवाई वाली पंजाब सरकार गुरुवार को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में यह बताने में विफल रही कि युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत पर एफआईआर दर्ज करने में देरी का कारण क्या था।
पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा द्वारा 27 फरवरी को दायर जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने सुनवाई की थी।
पंजाब और हरियाणा उच् च न् यायालय ने इस मुद्दे पर पंजाब सरकार के संदेहास् पद रवैये के मद्देनजर उच् च न् यायालय के सेवानिवृत् त न् यायाधीश की अध् यक्षता में एक समिति गठित करने का फैसला किया है।
बाजवा ने कहा कि समिति का मुख्य ध्यान यह पता लगाने पर होगा कि शुभकरण की मौत किस अधिकार क्षेत्र में हुई थी। समिति उस हथियार के प्रकार की भी जांच करेगी जिसके कारण इस युवा किसान की मौत हुई।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि समिति इस बात का भी पता लगाएगी कि क्या हरियाणा सरकार ने प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ जिस बल का इस्तेमाल किया है, वह मौके पर स्थिति के अनुकूल है या नहीं। समिति शुभकरण सिंह की मौत की जिम्मेदारी तय करने पर भी ध्यान केंद्रित करेगी।
उन्होंने कहा कि आप सरकार अभी भी यह साबित करने की कोशिश कर रही है कि हरियाणा के जींद जिले के गढ़ी पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र में शुभकरण की हत्या की गई थी। हालांकि, आप का यह नैरेटिव हाई कोर्ट बेंच को समझाने में नाकाम रहा। बाजवा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई वाली पंजाब सरकार शुभकरण की हत्या के साथ न्याय करने में ईमानदार नहीं है।
विपक्ष के नेता ने कहा कि उच्च न्यायालय ने कहा कि वर्तमान मामले में, पंजाब अपनी जिम्मेदारी से भाग रहा है और जांच कर रहा है, जबकि हरियाणा राज्य शुभकरण सिंह की मौत की जांच के अधिकार क्षेत्र को संभालने के लिए बहुत उत्सुक है।