पटियाला, 12 मार्च 2024 (भारत बानी) : पंजाब में हजारों मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत है। राज्य में मस्तिष्क मृत रोगियों के अंगदान को बढ़ावा देने की आवश्यकता है ताकि इस समस्या का समाधान हो सके। विश्व किडनी दिवस पर, पटियाला के विभिन्न रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों को किडनी प्रत्यारोपण के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कहा गया और बताया गया कि कैसे प्रत्यारोपण से बेहतर जीवन जीया जा सकता है।

मणिपाल हॉस्पिटल, पटियाला के नेफ्रोलॉजी, ट्रांसप्लांट और फिजिशियन के सलाहकार डॉ. नितिन कुमार ने कहा कि किडनी हमारे शरीर से तरल अपशिष्ट को बाहर निकालती है।

अपशिष्ट पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और शरीर में तरल पदार्थ का संतुलन बनाए रखकर शरीर को स्वस्थ रखते हैं, लेकिन किडनी की गंभीर बीमारी में किडनी फेल होने से पूरे शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है और अगर समय पर इसकी पहचान और इलाज न किया जाए तो यह घातक हो सकता है। गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं और क्षति होती है।

भारत में हर साल लाखों लोग किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित होते हैं। अगर समय पर इसकी पहचान कर इलाज किया जाए तो इससे होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है।”

डॉ. योगेश गर्ग, कंसल्टेंट यूरोलॉजी एवं ट्रांसप्लांट सर्जन ने कहा कि बढ़ती उम्र में किडनी की अतिरिक्त देखभाल करना जरूरी है, बीपी को नियंत्रित रखना चाहिए और बिना डॉक्टर की सलाह के दर्द निवारक दवाएं आदि लेने से किडनी की बीमारी अंतिम चरण में हो सकती है और नियमित डायलिसिस या किडनी की समस्या हो सकती है। प्रत्यारोपण सर्जरी.

यही एकमात्र विकल्प बचा है, लेकिन किडनी ट्रांसप्लांट के जरिए जीवन एक बार फिर से सामान्य हो जाता है, यही वजह है कि आज सफल किडनी ट्रांसप्लांट के मरीजों को अस्पताल परिसर में आरडब्ल्यूए के सदस्यों से मिलवाया गया.

आज के जागरूकता अभियान का कुल मिलाकर उद्देश्य यही था कि प्राथमिकता किडनी को बचाना है लेकिन अगर किडनी की गंभीर बीमारी हो जाए तो प्रत्यारोपण ही सबसे अच्छा विकल्प है और उसके बाद जीवन सामान्य हो सकता है।

Bharat Baani Bureau

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