3 मई 2024 : आने वाले दिनों में तापमान में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से लू से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. सिविल सर्जन डॉ. रणजीत सिंह राय ने बताया कि यदि किसी मैदानी क्षेत्र में तापमान 40 डिग्री या उससे अधिक तक पहुंच जाता है तो यह उच्च तापमान शरीर के तापमान नियंत्रण प्रणाली को बिगाड़ देता है और गर्मी संबंधी बीमारियों का कारण बनता है।
उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि मई और जून के महीने में लू चलने की संभावना अधिक रहती है और इस दौरान लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने सलाह दी कि टी.वी. रेडियो, समाचार पत्र आदि के माध्यम से स्थानीय मौसम की खबरों पर ध्यान देने के अलावा मौसम विभाग की वेबसाइट पर भी मौसम की ताजा जानकारी प्राप्त की जा सकती है। जिला समूह शिक्षा एवं सूचना अधिकारी विजय कुमार जैन ने बताया कि लू का असर नवजात शिशुओं, छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों, मजदूरों, मोटापे से पीड़ित लोगों पर अधिक पड़ता है। उन्होंने कहा कि घर से बाहर का काम दिन के ठंडे समय जैसे सुबह और शाम में करना चाहिए। प्यास न होने पर भी हर आधे घंटे में पानी पिएं। मिर्गी, हृदय रोग, गुर्दे, यकृत रोग से पीड़ित लोग जो तरल पदार्थ-प्रतिबंधित आहार पर हैं, उन्हें पानी का सेवन बढ़ाने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
बाहर काम करते समय हल्के रंग के, पूरी बाजू के कपड़े पहनें। कोशिश करें कि गर्मियों में सूती कपड़े ही पहनें। उन्होंने कहा कि सिर को सीधी धूप से ढकने के लिए छाता, टोपी, तौलिया, पगड़ी या दुपट्टे का प्रयोग करना चाहिए। नंगे पैर बाहर न निकलें, धूप में निकलते समय हमेशा जूते या चप्पल पहनें। धूप में काम करने वाले लोगों को शरीर का तापमान उचित बनाए रखने के लिए छाया में आराम करना चाहिए या सिर पर गीला कपड़ा रखना चाहिए। धूप में बाहर जाते समय हमेशा अपने साथ पानी रखें। तरबूज, संतरा, अंगूर, खीरा और टमाटर जैसे मौसमी फल और सब्जियां खाएं क्योंकि इनमें पानी की मात्रा अधिक होती है।