शेयर मार्केट में मंगलवार को ऊपरी स्तरों से एक बार फिर बिकवाली देखने को मिली. निफ्टी में दोपहर बाद सेलिंग प्रेशर इतना बढ़ गया कि वह 24600 के लेवल से नीचे चला गया. इस बाज़ार में एक्सपर्ट्स लगातार स्टॉक स्पेसिफिक बने रहने की सलाह दे रहे हैं.
इन दिनों अडानी ग्रुप के कई स्टॉक गिरावट का सामना कर रहे हैं. निवेशकों के सामने सवाल यह है कि मार्केट करेक्शन में अडानी ग्रुप में से कौन सा स्टॉक खरीदा जाए? साथ ही टाटा ग्रुप के वे कौन से स्टॉक हैं, जो आने वाले दिनों में अच्छा रिटर्न दे सकते हैं.
शेयर मार्केट एक्सपर्ट देवेन चोकसी कहते हैं कि निवेश के लिहाज से टाटा ग्रुप की अधिकांश कंपनियां बहुत ही भरोसेमंद हैं. हो सकता है कि मार्केट करेक्शन में हमें टाटा ग्रुप के कुछ स्टॉक अच्छी वैल्यूएशन पर खरीदने का मौका मिले.
टाटा ग्रुप के स्टॉक पर राय
देवेन चोकसी ने कहा कि टाटा संस के लिस्ट होने से टाटा ग्रुप की कुछ कंपनियों को सीधा फायदा होगा. उन्होंने कहा कि स्टील एक स्ट्रक्चरल स्टोरी है, अगले कुछ वर्षों तक कमोडिटी के रूप में स्टील में उछाल जारी रहेगा. एक तरफ इंफ्रा स्ट्रक्चर पर खर्च, दूसरी तरफ ऊर्जा लागत में कमी के कारण सीधे तौर पर टाटा स्टील जैसी धातु कमोडिटी कंपनियों को फायदा हो रहा है.
उन्होंने कहा कि हमें टाटा मोटर्स का बिज़नेस प्रोपोज़ल पसंद है. कंपनी ने जेएलआर पोर्टफोलियो सहित सभी करेक्शन पार्ट्स को पूरा कर लिया है और कमर्शियल व्हीकल सेंगमेंट ही वह है जो आगे बढ़ने के लिए मजबूत वृद्धि के संकेत दिखा रहा है.
चोकसी ने कहा कि इसी तरह टाटा पावर भी निवेश के दृष्टिकोण से एक बहुत ही दिलचस्प कंपनी लगती है. यहां तक कि जिस तरह से उन्होंने रिन्यूएबल एनर्जी पर ध्यान केंद्रित किया है. भारतीय होटलों में एसेट-लाइट मॉडल के साथ हॉस्पिटालिटी सेगमेंट फिर से एक बहुत ही आकर्षक प्रकार का बिज़नेस प्रपोज़ल है, इसलिए आज टाटा ग्रुप की अधिकांश कंपनियां इन्वेस्टमेंट थीसिस के दृष्टिकोण से बहुत ही आश्वस्त हैं. शायद यह बाजार एक सही प्राइस लेवल पर कुछ मौके दे सकती हैं.
अडानी ग्रुप के स्टॉक पर राय
देवेन चोकसी ने कहा कि अडानी एंटरप्राइज को स्पष्ट रूप से अडानी पोर्ट्स के साथ देखा जाना चाहिए. ये दोनों कंपनियां विकास के मजबूत संकेत दे रही हैं. अडानी एंटरप्राइज अपने एसेट्स को अलग करने की बात कर रही है, चाहे वह एयरपोर्ट प्रॉपर्टीज़ हो, रोड़ प्रॉपर्टीज़ हो, यहां तक कि डेटा सेंटर का बिज़नेस भी हो, हमारा मानना है कि अगले डेढ़ से दो साल में इन बिज़नेस का विलय हो जाने की संभावना है और यहीं पर निवेशकों को लाभ देते हुए मोनेटाइज़ेशन वैल्यू अनलॉकिंग होगी.
उन्होंने कहा कि अडानी पोर्ट्स के मामले में पूर्वी तट और पश्चिमी तट के बीच जिस तरह का एकीकरण किया गया है और जिस तरह की इंटरनल लॉगिस्टिक्स उन्होंने व्यवस्थित रूप से निर्धारित की है, उसे देखते हुए यह कंपनी आसानी से सामान्य पैमाने से कहीं अधिक तेजी से बढ़ने के संकेत है.