संयुक्त राष्ट्र/कीव 9 जनवरी 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) -: रूस और यूक्रेन के युद्ध को तीन साल होने वाले हैं. युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है, लेकिन अमेरिका की टेंशन जरूर बढ़ गई है. अमेरिका ने चेतावनी दी है कि उत्तर कोरिया का इस युद्ध में उतरने से किम जोंग उन की सेना को फायदा हो रहा है. एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि रूस की मदद के जरिए उत्तर कोरिया युद्ध का अनुभव हासिल कर रहा है. उनका मानना है कि यह धीरे-धीरे अपने पड़ोसियों के खिलाफ युद्ध छेड़ने में अधिक सक्षम हो रहा है. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी उपराजदूत डोरोथी कैमिली शी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) को संबोधित करते हुए यह चेतावनी दी.
उन्होंने बताया कि पिछले महीने रूस में 12,000 से ज्यादा उत्तर कोरियाई सैनिक सक्रिय रूप से यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे थे. शी ने 15 सदस्यीय परिषद को बताया, ‘उत्तर कोरिया को रूस से सैन्य उपकरण, तकनीक और अनुभव प्राप्त करके महत्वपूर्ण लाभ हो रहा है, जिससे वह अपने पड़ोसियों के खिलाफ युद्ध छेड़ने में ज्यादा सक्षम हो रहा है.’ उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब UNSC उत्तर कोरिया के नए इंटरमीडिएट-रेंज हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण पर चर्चा कर रहा था. उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर कोरिया इन सुधारों का इस्तेमाल वैश्विक हथियार बिक्री और सैन्य प्रशिक्षण अनुबंधों को बढ़ावा देने के लिए कर सकता है.
उत्तर कोरिया ने अमेरिका को जमकर सुनाया
सोमवार को उत्तर कोरिया ने मिसाइल दागी थी. चर्चा के दौरान संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया के राजदूत किम सॉन्ग ने इस टेस्टिंग का बचाव किया. उन्होंने कहा कि यह परीक्षण देश की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की योजना का हिस्सा है. किम ने आरोप लगाया कि अमेरिका दोहरे मापदंड अपना रहा है. किम ने सुरक्षा परिषद को बताया, ‘जब गाजा में मरने वाले नागरिकों की संख्या 45000 से ज्यादा हो गई, तो अमेरिका ने इसे आत्मरक्षा का अधिकार बताया. लेकिन वही अमेरिका, उत्तर कोरिया के वैध आत्मरक्षा के अधिकार का मुद्दा बनाता है.’
यूएन में रूस के राजदूत वासिली नेबेंजिया ने अमेरिका के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि रूस उत्तर कोरिया को स्पेस टेक्नोलॉजी देने की योजना बना रहा है. उन्होंने इसे पूरी तरह निराधार बताया.
रूस के साथ उत्तर कोरिया के सैनिक
रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से उत्तर कोरिया के साथ अपने राजनयिक और सैन्य संबंध मजबूत किए हैं. बैठक के दौरान यूएन में दक्षिण कोरिया के राजदूत जूनकूक ह्वांग ने कहा कि उत्तर कोरिया के सैनिक किम जोंग उन के गुलाम हैं, जिन्हें उनके शासन के लिए धन जुटाने और रूस से उन्नत सैन्य तकनीक हासिल करने के लिए युद्धक्षेत्र में झोंक दिया गया है. उत्तर कोरिया पर 2006 से संयुक्त राष्ट्र के सख्त प्रतिबंध लगे हुए हैं.