30 सितंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) बढ़ते तनाव, गुस्सा और कई बार अपनी फीलिंग एक्सप्रेस न कर पाने के कारण लोग एंग्जाइटी का शिकार हो जाते हैं। पिछले कुछ सालों में एंग्जाइटी या पैनिक अटैक के मामले काफी बढ़े हैं। एंग्जाइटी की स्थिति बेचैन करने वाली होती है। कई बार एंग्जाइटी को लोग हार्ट अटैक का लक्षण मान लेते हैं। वहीं कुछ लोग समझ ही नहीं पाते कि उन्हें ऐसा क्यों हो रहा है और ये उनके साथ क्या हो रहा है। एंग्जाइटी अटैक आना ज्यादा घबराने वाली स्थिति नहीं है, लेकिन इसके कारण जानना आपके लिए जरूरी है। एंग्जाइटी होने के कई कारण हो सकते हैं। ज्यादातर लोगों में देखा गया है कि तनाव, कुछ न कह पाने, अपनी फीलिंग खुलकर एक्सप्रेस न कर पाने, ज्यादा सोचना, काम का बोझ या फिर बढ़ती जिम्मेदारियां के कारण एंग्जाइटी के शिकार होते हैं। एंग्जाइटी से बचना है तो आपको पहले अपना कारण पता लगाना जरूरी है। इसके बाद उस स्थिति को इग्नोर करने की जरूरत है। जिससे आप एंग्जाइटी से बच सकते हैं।
अभी भी लाखों लोग ऐसे हैं जिन्हें एंग्जायटी डिसऑर्डर के बारे में पता ही नहीं है। लोग नहीं जानते कि ये कोई बीमारी भी हो सकती है। लंबे समय तक एंग्जाइटी में रहने वाले इंसान की स्थिति भविष्य में गंभीर भी हो सकती है। इससे आप डिप्रेशन में जा सकते हैं। शारदा हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ भुमेश त्यागी से जानते हैं एंग्जाइटी के लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है?
एंग्जाइटी के लक्षण
- घबराहट और बेचैनी महसूस होती है
- सांस लेने में परेशानी होती है
- टेंशन,नींद न आना और चक्कर आते हैं
- उल्टी, जी मिचलाना और पेट गड़बड़ हो जाता है
- थकान, कमजोरी और पसीना आता है
- हाथ-पैर सुन्न या ठंडे पड़ने लगते हैं
- कई बार अचानक से दिल की धड़कन बढ़ जाती है
- उदासी और किसी काम में मन नहीं लगता है
एंग्जाइटी के क्या हैं कारण?
वैसे तो हर किसो के एंग्जाइटी होने के अलग-अलग कारण हो सकते हैं। आपको ये पहचानना है कि स्थिति कब और किन परिस्थितियों में बिगड़ती है। आपको कब ऐसा महसूस होता है कि आपकी एंग्जाइटी बढ़ रही है। इसके अलावा ये मुख्य कारण हो सकते हैं।
घुटन- कई बार आप अपनी बात नहीं कह पाते हैं और अंदर ही अंदर घुटन महसूस करते हैं। इससे आपको एंग्जाइटी महसूस हो सकती है। आप जब खुलकर अपनी बात किसी को नहीं कह पाते हैं तो इससे स्ट्रेस बढ़ता है जो एंग्जाइटी की कारण बन सकता है।
तनाव- आपके जीवन में कई घटना या तनावपूर्ण स्थिति चिंता का विषय हो सकती है। जैसे- फैमिली टेंशन, किसी रिश्ते में परेशानी, काम की टेंशन या कोई दूसरी वजह जिससे आपका स्ट्रेस बढ़ता है। वो एंग्जाइटी का कारण हो सकता है।
बीमारी- कई बार लोग किसी बीमारी से परेशान रहते हैं और उसके इलाज को लेकर चिंतित रहते हैं। ये एंग्जाइटी का कारण हो सकता है। बच्चे ही हेल्थ या अपनी हेल्थ को लेकर आप परेशान रह सकते हैं।
कोई सदमा- कई बार कई दर्दनाक घटना या सदमा आपको एंग्जाइटी की ओर ले जा सकता है। ऐसे लोगों को धीरे-धीरे एंग्जायटी डिसऑर्डर होने का खतरा बढ़ जाता है।
एंग्जाइटी को कैसे ठीक करें?
एंग्जाइटी कम करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप किसी से अपने दिल की बात शेयर करें। खुल कर बात करें और मन में चीजों को रखकर न बैठें। स्थिति गंभीर होने पर आप किसी मनोचिकित्सा और कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी के जरिए एंग्जायटी डिसऑर्डर का इलाज करवा सकते हैं।
सारांश:
एंग्जायटी के लक्षणों में लगातार तनाव, बेचैनी, नींद न आना और घबराहट शामिल हैं। यह समस्या अलग-अलग कारणों से हो सकती है और उपचार, जीवनशैली सुधार और थेरपी से कुछ हफ्तों से महीनों में बेहतर हो सकती है।