आप सरकार एम.एस.पी देने के वादे से भी मुकरे: बाजवा
चंडीगढ़, 1 मार्च (भारत बानी) : पंजाब विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने युवा किसान शुभकरण सिंह की हत्या के बाद जीरो एफआईआर दर्ज करने पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के इस्तीफे की मांग की है।
विधानसभा के बाहर पत्रकारों को संबोधित करते हुए बाजवा ने कहा कि भगवंत मान के पास पंजाब के मुख्यमंत्री बने रहने का कोई नैतिक आधार नहीं है क्योंकि वह पंजाब के प्रदर्शनकारी किसानों की रक्षा करने में बुरी तरह विफल रहे हैं। वह पंजाब के क्षेत्र की रक्षा करने में विफल रहा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की कार्रवाई के डर से मेरी याचिका पर प्राथमिकी दर्ज की। केंद्र और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग की सलाह के खिलाफ आम आदमी पार्टी सरकार ने 28 फरवरी की रात 11 बजे शुभकरण सिंह का पोस्टमार्टम कराया। बाजवा ने कहा कि पोस्टमॉर्टम सिर्फ सूरज की रोशनी में ही किया जा सकता है.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता बाजवा ने कहा कि मामले को कमजोर करने के लिए आप सरकार यह साबित करने की पुरजोर कोशिश कर रही है कि शुभकरण सिंह की हत्या हरियाणा के जींद जिले के गढ़ी पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र में हुई थी। यह एफ.आई.आर धोखे के अलावा कुछ नहीं।
उन्होंने कहा कि बहबल कलां गोलीकांड के बाद भगवंत मान ने अज्ञात पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार की आलोचना की थी। अब उन्होंने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। हम चाहते हैं कि एफआईआर में हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज का नाम दर्ज किया जाए।
विपक्ष के नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वादा किया था कि अगर केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल नहीं खरीदेगी तो आप पंजाब सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देगी। अब AAP अपने वादों से क्यों मुकर गई है?
उन्होंने कहा कि 2022 में कांग्रेस सरकार में भी किसानों का विरोध प्रदर्शन हुआ था। हमने विरोध को दबाने के लिए बल का प्रयोग नहीं किया। बाजवा ने कहा कि ‘आप’ पंजाब के किसानों के हितों की रक्षा नहीं कर सकती।