ऋषिकेश 8 जनवरी 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) – : फेफड़े हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक हैं, जिनका मुख्य काम शरीर के हर हिस्से तक ऑक्सीजन पहुंचाना है. शहरों में बढ़ता प्रदूषण, खराब खानपान और लाइफस्टाइल और लगातार स्मोकिंग के कारण फेफड़ों से जुड़ी कई सारी बीमारी हो सकती है. कई बार तो फेफड़ों में होने वाली इंफेक्शन इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि कई सारी गंभीर बीमारियां हो सकती है. फेफड़े में अगर किसी भी तरह का इंफेक्शन होता है तो इस कारण टीबी, अस्थमा, फेफड़ों का कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. इसलिए फेफड़ों को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखना बेहद जरूरी है. फेफड़ों को स्वस्थ रखने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका योग है.

लोकल 18 के साथ बातचीत के दौरान उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित साधक योगशाला के योगा ट्रेनर और निदेशक गोकुल बिष्ट ने कहा कि योग के जरिए न केवल फेफड़ों को मजबूत बनाया जा सकता है, बल्कि उनकी कार्यक्षमता को भी बेहतर किया जा सकता है. रोजाना कुछ विशेष योगासन करने से फेफड़ों में ऑक्सीजन की आपूर्ति बेहतर होती है, और शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं. वहीं 3 ऐसे योग आसन है जिनके नियमित अभ्यास से फेफड़े मजबूत बनते हैं और उनकी कार्यक्षमता में भी सुधार होता है. वो आसन है बालासन, वज्रासन और पवनमुक्तासन

बालासन : बालासन करने के लिए सबसे पहले पैरों को मोड़कर वज्रासन में बैठ जाएं. उसके बाद अपने दोनों ही हाथों को ऊपर ले जाएं और आगे की ओर झुकें. इसके बाद अपनी हथेलियों को जमीन पर ले जाएं. अपने सिर को जमीन की ओर ले जाए. इस आसन को करने से मोटापा तो काम होता है. साथ ही साथ बदन दर्द और मानसिक तनाव भी दूर होता है.

पवनमुक्तासन : पवनमुक्तासन करने के लिए बस पहले पीठ के बल लेट जाएं और पैरों को एक साथ सीधा कर लें. अब अपने दाएं घुटने को अपनी छाती के पास ले कर आएं. जांघ को पेट तक लाकर अच्छे से दबाएं. अब अपनी दाढ़ी को दाएं घुटने से लगाएं. जब गहरी सांस लें तो घुटने को हाथों से अच्छे से पकड़ लें. घुटने को हाथ से अच्छे से पकड़ने पर छाती पर हल्का सा दबाव महसूस होगा, जो कि सामान्य है. अब सांस छोड़ते हुए घुटने को ढीला कर दें. अब पूरी प्रक्रिया को इस तरह से बाएं पैर के साथ करें. दोनों पैरों से एक-एक बार करने के बाद दोनों पैरों के साथ करें.

वज्रासन : इस आसन को करने के लिए आपको अपने घुटनों को पीछे की ओर मोड़ लेना है. उसके बाद अपने हिप को अपनी एड़ी के ऊपर रख लें. उसके बाद अपने सिर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी को सीधे एक सीध में रख लें और अपने हाथों की हथेलियों को जांघो पर रख लें.

Bharat Baani Bureau

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