01 सितंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : चीन के शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन की मीटिंग भारत के लिए काफी सफल रही. जहां एक ओर भारत के आतंकवाद वाले स्टैंड को सभी ने माना, वहीं यहां से एक ऐसी तस्वीर आई है, जो न सिर्फ डोनाल्ड ट्रंप को बेचैन करने वाली है बल्कि पश्चिमी देशों के भी होश उड़ा देगी. जिस सहयोग को तोड़ने के लिए उन्होंने जमीन आसमान एक कर दिया, वो अब बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. ये अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए किसी सदमे से कम थोड़े है.

ये वो तस्वीर है, जिसे देखने के लिए एशिया की राजनीति कई सालों से इंतजार कर रही थी. ये वो तिकड़ी है, जो दादागिरी पर उतरे अमेरिकी राष्ट्रपति को शक्ति संतुलन का मतलब समझा देगी. ये वो तस्वीर है, जो बताती है कि इस दुनिया में विकास और दोस्ती ही एक साथ चल सकते हैं.
चीन के तियानजिंग में जब एशिया के दो सबसे बड़े खिलाड़ी मिले, तो पूरी दुनिया देखती रह गई. फिर उन्हें जब रूस का साथ मिला, तो ये शक्तिशाली तस्वीर सामने आई. दुनिया के तीन ऐसे देश, जो अमेरिका को चैलेंज देने की क्षमता रखते हैं. ये तीन राष्ट्राध्यक्ष जिस तरह से हंसते हुए दिख रहे हैं, उसे देखकर अमेरिका की छाती पर सांप लोट रहे होंगे.

ट्रंप के टैरिफ को तिकड़ी का जवाब

भारत-चीन और रूस, वो देश हैं, जो इस वक्त डोनाल्ड ट्रंप के निशाने पर हैं. रूस पर उसने पहले ही प्रतिबंध लगा रखे हैं, भारत को वो अपनी शर्तों पर झुकाने के लिए लगातार लगा हुआ है और चीन को भी रूस से तेल व्यापार के चलते टैरिफ और सैंक्शंस की धमकियां मिल रही हैं. ऐसे में इन तीनों महाशक्तियों को कहीं न कहीं एक साथ आने के लिए अमेरिका ने ही मजबूर किया है.
जो कभी नहीं हुआ, अब होगा

चीन और भारत के बीच सीमा विवाद को लेकर उनके रिश्ते कभी इतने अच्छे नहीं रहे, हालांकि रूस से भारत की दोस्ती कोई नई नहीं है. गलवान सीमा विवाद के बाद भारत-चीन के बीच रिश्ते काफी तल्ख हो गए थे, जिसे सामान्य करने में रूस ने बड़ी भूमिका निभाई.
अमेरिका के टैरिफ वॉर के बाद तीनों देशों के बीच एक स्वाभाविक गठबंधन बना है, जो अमेरिका को ये आईना दिखाने के लिए काफी है कि वो दुनिया का बादशाह नहीं है. खासतौर पर ब्रिक्स देशों ने डोनाल्ड ट्रंप के आगे झुकने से बिल्कुल मना कर दिया है, जिसके बाद इन तीनों देशों की भूमिका काफी बढ़ जाती है.

Bharat Baani Bureau

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