17 मई लोकसभा चुनाव 2024 : पंजाब में सभी दलों ने पूरा दमखम लगा रखा है। चुनावी मुकाबला इस बार दिलचस्प होगा। पंजाब में कांग्रेस और आप अलग-अलग चुनाव लड़ रहीं हैं। दिलचस्प यह है कि यहां कांग्रेस के निशाने पर आप है। वहीं आम आदमी पार्टी भगवंत मान सरकार की दो वर्षों की उपलब्धियों को गिना रही है। सभी 13 सीटों पर चुनाव आखिरी चरण में है।
पंजाब में इस बार चुनावी परिदृश्य काफी अलग नजर आ रहा है। पहली बार चार राजनीतिक पार्टियां सीधे-सीधे आमने-सामने हैं तो चुनाव में विघ्न पैदा करने में कुछ किसान संगठन भी सक्रिय हैं। राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों से ज्यादा पुलिस प्रशासन की चुनौती बढ़ गई है।
सभी 13 सीटों पर आखिरी चरण में चुनाव
चुनाव प्रचार ने अभी जोर नहीं पकड़ा है। 17 मई को नामांकन वापसी के बाद चुनावी माहौल गर्माएगा। राज्य की सभी 13 सीटों पर आखिरी चरण में एक जून को मतदान होना है। इस बार मुकाबला चतुष्कोणीय है। इसलिए कांग्रेस, शिअद, आप व भाजपा को ऐसा लग रहा है कि थोड़ा ज्यादा जोर लगाने पर जीत हासिल की जा सकती है। वोट बंटेंगे और जीत-हार का अंतर बहुत कम होगा।
जालंधर और संगरूर पर निगाहें
जालंधर व संगरूर लोकसभा सीट पर तो मुकाबला पांचकोणीय भी हो सकता है। जालंधर में बसपा का भी आधार है। पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी ने 2.04 लाख वोट हासिल किए थे। संगरूर सीट पर शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान मुकाबले को पांचकोणीय बना सकते हैं। वह इस सीट से सांसद भी हैं। मुख्यमंत्री बनने पर भगवंत मान के त्यागपत्र देने के कारण यहां हुए उपचुनाव में सिमरनजीत जीते थे।
आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
मुद्दों की बात करें तो फिलहाल लग ही नहीं रहा कि राज्य में लोकसभा का चुनाव हो रहा है। राष्ट्रीय मुद्दों की बात नहीं के बराबर हो रही है। शिअद, आप व कांग्रेस नेताओं के भाषण आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित हैं।
भाजपा ने सबसे ज्यादा दलबदलुओं को दिया टिकट
चतुष्कोणीय मुकाबले को देखते हुए राजनीतिक दलों ने प्रत्याशियों के चयन में चेहरों पर ज्यादा जोर दिया है। कदाचित यही कारण है कि कैडर वाली पार्टी भाजपा ने सबसे ज्यादा दलबदलुओं को टिकट दिया है। 13 में से मात्र तीन सीटों गुरदासपुर, होशियारपुर व श्री आनंदपुर साहिब में पार्टी कैडर को प्रत्याशी बनाया है।
चार बार कांग्रेस की सांसद रहीं परनीत कौर को पटियाला से मैदान में उतारा है तो पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बेअंत सिंह के पोते व तीन बार लगातार सांसद रहे रवनीत सिंह बिट्टू को लुधियाना से। जालंधर में सुशील कुमार रिंकू को टिकट दिया है, जो आप के एकमात्र लोकसभा सदस्य थे और टिकट मिलने के बाद भी पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा का ज्यादा आधार शहरों में है। पार्टी का ज्यादा फोकस भी शहरों पर ही है।
निरहुआ, रवि किशन और मनोज तिवारी करेंगे प्रचार
लुधियाना, जालंधर व अमृतसर जैसे लोकसभा क्षेत्रों में पूर्वांचल (पूर्वी उत्तर प्रदेश) के काफी मतदाता हैं। इनको लुभाने के लिए पार्टी ने भोजपुरी कलाकार दिनेश लाल यादव (निरहुआ), रवि किशन व मनोज तिवारी को भी पंजाब के स्टार प्रचारकों में शामिल किया है।