24 मई: गेहूं घोटाले मामले में किसानों ने अंसतोष जारी किया है। उनका कहना है गलत अफसरों को निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच सही तरीके से की जाए। पाकिस्तान किसान रबीता कमेटी के महासचिव ने भी इस मामले पर अंसोष जताया है। उनका कहना है संघीय कैबिनेट का फैसला गलत है और निलंबित इन अधिकारियों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।

किसानों ने किया निलंबन को खारिज

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, किसानों ने निलंबन को खारिज करते हुए कहा है, असली आरोपी की जांच की जाए। किसानों के मुताबिक, इस घोटाले में शामिल सही आरोपी को छोड़ दिया गया है और निर्दोष अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया है।

पीकेआरसी के महासचिव का बड़ा आरोप

पाकिस्तान किसान रबीता कमेटी (पीकेआरसी) के महासचिव फारूक तारिक ने भी इस निलंबन पर असंतोष जताया है। फारूक तारिक का कहना है, “गेहूं घोटाले में शामिल चार खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निलंबित करने का संघीय कैबिनेट का फैसला गलत है और हमारा मानना ​​है कि इन अधिकारियों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।” तारिक ने तो यहां तक कह दिया कि जूनियर अफसर को निलंबित करके इस मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।

विरोध प्रदर्शन के लिए किसानों को किया जाएगा आमंत्रित

फारूक तारिक ने इसको लेकर जांच प्रक्रिया की भी आलोचना की। तारिक ने आगे इस मामले पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी देते हुए बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा,”अगर सरकार गेहूं की खरीद शुरू नहीं करती है और गेहूं घोटाले के असली दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है, तो पीकेआरसी देश भर के किसानों को लाहौर और इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन के लिए आमंत्रित करेगा।”

तारिक ने सच्चे अपराधियों की पहचान करने के लिए किसान प्रतिनिधियों के नेतृत्व में एक सही जांच का ऐलान किया है।

Bharat Baani Bureau

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