प्रधानमंत्री मोदी से तुरंत हस्तक्षेप करने और सिख भावनाओं का सम्मान करने की अपील
राजनीतिक दल गुरुद्वारा मामलों में हस्तक्षेप करना बंद करें
चंडीगढ़, 8 फरवरी (भारत बानी) : दुनिया भर में राष्ट्रीय स्तर के सिख संगठनों के एक महासंघ के रूप में कार्यरत, ग्लोबल सिख काउंसिल (जीएससी) ने भाजपा के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार द्वारा तख्त श्री हजूर अबचल नगर साहिब बोर्ड नांदेड़ अधिनियम, 1956 में प्रस्तावित संशोधनों की निंदा करते हुए चेतावनी दी है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के ऐसे एकतरफा और अनावश्यक फैसले सिख गुरुद्वारा व्यवस्थाओं का घोर उल्लंघन हैं और सिख क़ौम इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
एक बयान में जी.एस.सी अध्यक्ष लेडी सिंह डा. कंवलजीत कौर, ओबीई, ने महाराष्ट्र में भाजपा सरकार द्वारा सिख भावनाओं की निरंतर उपेक्षा पर प्रकाश डालते हुए अफसोस जताया कि इस कानून में संशोधन केवल दक्षिणी राज्यों में स्थित सिखों के पांचवें पवित्र तख़्त, श्री हजूर साहिब के प्रबंधों पर कब्जा करने की बुरी नियत से किया गया है।
डॉ. कंवलजीत कौर ने कहा कि इससे पहले, भाजपा पार्टी ने नांदेड़ साहिब बोर्ड अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए लोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया को कमजोर करते हुए, अपने पसंदीदा बोर्ड अध्यक्ष को थोपने के लिए गुरुद्वारा अधिनियम की धारा 11 में संशोधन किया था। अब, वर्तमान सत्तारूढ़ भाजपा सरकार बोर्ड में नामित सदस्यों की संख्या बढ़ा रही है, जबकि सिख संगठनों द्वारा नामित सदस्यों की संख्या को सीमित किया जा रहा है, जो पवित्र सिख गुरुद्वारों पर खुलेआम अतिक्रमण करने की गहरी साज़िश है।
भाजपा द्वारा सिख गुरुद्वारा संस्थानों पर जारी अलोकतांत्रिक क्रूर हमले के विरोध में दुनिया भर के सिखों से अपनी आवाज उठाने का आह्वान करते हुए लेडी सिंह ने भाजपा पार्टी द्वारा 67 साल पुराने सिख गुरुद्वारा अधिनियम में संशोधन से पहले सिख नेताओं और सिखों के स्थापित संगठनों के साथ सार्थक परामर्श न करने की भी निंदा की है।
ग्लोबल सिख काउंसिल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से इस कानून में अनावश्यक, अनैतिक, अवैध और असंवैधानिक संशोधनों को बिना किसी देरी के तुरंत वापस लेने का आग्रह भी किया है।