वाशिंगटन,21 मार्च (भारत बानी) : अमेरिका ने एक बार फि चीन को आइना दिखाते हुए कहा कि वह अरुणाचल प्रदेश को भारतीय क्षेत्र के रूप में मान्यता देता है और वास्तविक नियंत्रण रेखा के आसपास क्षेत्रीय दावों के किसी भी प्रयास का दृढ़ता से विरोध करता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अरुणाचल यात्रा को लेकर चीनी सेना द्वारा राज्य पर अपना दावा दोहराए जाने के कुछ दिन बाद अमेरिका के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने यह बात कही। इस सप्ताह की शुरुआत में, चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल झांग शियाओगांग ने कहा था कि जिजांग (चीन ने तिब्बत को जो नाम दे रखा है) का दक्षिणी भाग चीन के भूभाग का एक अंतर्निहित हिस्सा है।
अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत कहने वाला चीन इस राज्य में भारतीय नेताओं के दौरों का विरोध करता रहा है। बीजिंग ने इस क्षेत्र को जांगनान नाम भी दे रखा है। प्रधानमंत्री मोदी ने नौ मार्च को अरुणाचल प्रदेश में 13,000 फुट की ऊंचाई पर निर्मित सेला सुरंग को राष्ट्र को समर्पित किया था। यह सुरंग रणनीतिक रूप से स्थित तवांग तक हर मौसम में संपर्क प्रदान करेगी और सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों की बेहतर आवाजाही के लिए भी मददगार हो सकती है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने बुधवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारतीय क्षेत्र के रूप में मान्यता देता है और हम वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य या असैन्य घुसपैठ या अतिक्रमण के माध्यम से क्षेत्रीय दावे करने के किसी भी एकपक्षीय प्रयास का कड़ा विरोध करते हैं।”