लोगों को उनके दरवाज़े पर जाकर सरकारी सेवाएं मुहैया करवाने के उद्देश्य से उठाया कदम

फरवरी महीने में पंजाब भर में 11600 कैंप लगाऐ जाएंगे, हर तहसील में रोज़ाना लगेंगे चार कैंप

भांखरपुर (एस. ए. एस. नगर), 6 फरवरी (भारत बानी) : पंजाब निवासियों को उनके दरवाज़े पर जाकर सरकारी सेवाएं मुहैया करवाने के लिए एक अन्य नागरिक केंद्रित प्रयास करते हुये मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज राज्य में ‘आप की सरकार, आप के द्वार’ स्कीम का आग़ाज़ किया। इस स्कीम के अंतर्गत लोगों को सेवाएं देने के लिए गाँव और मोहल्ला स्तर पर कैंप लगाऐ जाएंगे। 

यहां कैंप की शुरूआत करने के मौके पर इक्ट्ठ को संबोधन करते हुये मुख्यमंत्री ने आज के दिन को राज्य के इतिहास के लिए यादगारी दिन बताया क्योंकि अब लोगों को अपने आम प्रशासकीय कामों के लिए सरकारी दफ़्तरों में नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि सरकारी अधिकारी ख़ुद लोगों के पास जाकर सेवाएं मुहैया करवाएंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह स्कीम वास्तविक अर्थों में लोगों के सशक्तिकरण का उद्देश्य पूरा करती है, जहाँ सरकार लोगों की भलाई के लिए दिल के साथ और भी लगन के साथ काम करेगी। 

मुख्यमंत्री ने उम्मीद ज़ाहिर की कि इस नागरिक केंद्र प्रयास की शुरूआत करके पंजाब ने एक बार फिर देश भर में बाज़ी मार ली है और आने वाले समय में अन्य अलग-अलग राज्य भी इस स्कीम को लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने दिसंबर, 2023 में लोगों को 43 महत्वपूर्ण सेवाओं की शुरूआत करके प्रमुख सरकारी सेवाएं लोगों को उनके द्वार पर जाकर मुहैया करवाने की स्कीम का आग़ाज़ किया था। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस स्कीम के अंतर्गत कोई भी नागरिक 1076 नंबर पर कॉल करके अपनी सुविधा के मुताबिक समय तय कर सकता है जिसके बाद मुलाज़िम उस नागरिक के घर जाकर सम्बन्धित सेवा का प्रमाण पत्र मुहैया करवाएगा। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राज्य सरकार ने इससे भी बड़ी छलांग लगाते हुये ‘आप की सरकार, आप के द्वार’ स्कीम की शुरूआत कर दी है जिससे गाँवों- शहरों में कैंप लगा कर लोगों के पास सीधी पहुँच की जा सके। उन्होंने बताया कि इस महीने ग्रामीण और शहरी इलाकों में 11600 कैंप लगाऐ जाएंगे। उन्होंने बताया कि हरेक तहसील में हर रोज़ चार कैंप लगाए जाएंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि कैंप के स्थान, तारीख़ और समय के बारे लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करने के लिए बनते कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि लोग अब आज के कैंपों या आने वाले कैंपों के बारे पोर्टल के द्वारा भी जानकारी हासिल कर सकते हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि कैंप में एस. डी. एम., तहसीलदार, ज़िला सामाजिक सुरक्षा अफ़सर, ज़िला फूड स्पलाई अफ़सर, एस. एच. ओ., ज़िला कल्याण अफ़सर, कानूनगो, पटवारी, एस. डी. ओ., ऐक्सियन जैसे बड़े अधिकारी आवेदन और सेवाएं प्रदान करने के लिए उपस्थित रहेंगे। एक मिसाल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई हलफीया बयान या कोई अन्य दस्तावेज़ भी तस्दीक करवाना चाहता है तो अफ़सर कैंप में बैठा होगा और वह उसी समय पर तस्दीक करके मौके पर ही सम्बन्धित व्यक्ति को सौंप देगा। इस तरह भगवंत सिंह मान ने कहा कि अगर किसी ने कालेज में दाखि़ला लेने के लिए रिहायशी सर्टिफिकेट बनवाना है तो उसे आधार कार्ड, वोटर कार्ड और अन्य ज़रुरी असली दस्तावेज़ों को कैंप में अप्लाई करना होगा और इसकी तस्दीक के लिए कैंप में पटवारी मौजूद होगा और तहसीलदार या नायब तहसीलदार मौके पर उस की तस्दीक करके सर्टिफिकेट सौंप देंगे। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि 44 प्रमुख सेवाएं जिनकी लोगों को अक्सर सबसे अधिक ज़रूरत होती है जैसे कि रिहायशी सर्टिफिकेट, जाति सर्टिफिकेट, आमदन सर्टिफिकेट, जन्म/मौत सर्टिफिकेट, फ़र्द, लेबर रजिस्ट्रेशन, पैंशन, ग्रामीण क्षेत्र सर्टिफिकेट और अन्य सेवाएं, कैंपों में अप्लाई करके मुहैया करवाई जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि इसके इलावा नागरिक भी अपनी शिकायतें कैंपों में ले सकेंगे, जिनका मौके पर ही निपटारा किया जायेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अपनी किस्म का यह पहला प्रयास लोगों की सुविधा के लिए सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि डिप्टी कमीशनरों को छोटे मसले मौके पर हल करने के लिए ज़रुरी फंड दिए गए हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कैंप सरकार को अपने नागरिकों की ज़रूरतों के प्रति और ज्यादा पहुंचयोग्य और जवाबदेह बनाने में मददगार साबित होंगे। उन्होंने कहा कि यह प्रयास सरकारी कामों में और ज्यादा पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने में भी मदद करेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह कदम नागरिकों को सरकारी सेवाओं या मसलों के बारे अपनी चिंतातों, शिकायतों और सुझाव देने के लिए योग्य मंच प्रदान करेगा। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने ऐसी किसी भी जनहितैषी पहलकदमी की तरफ ध्यान नहीं दिया, जिस कारण लोगों को बहुत ज़्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता था। उन्होंने कहा कि इस पहलकदमी के साथ लोगों को समर्थ बनाने के लिए नयी क्रांति की शुरुआत हुई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब लोगों को अपने काम करवाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, जबकि अब सरकार लोगों के घरों तक जायेगी। 

अकाली दल की ‘पंजाब बचाओ यात्रा’ पर व्यंग्य कसते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि अकाली दल के इस ढकोसले का असली नाम ‘परिवार बचाओ यात्रा’ है। उन्होंने अकाली नेताओं को चुनौती दी कि वह यह बताएं कि 15 साल राज्य को लूटने के बाद में अब किस से राज्य को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अकालियों ने राज्य को बेरहमी से लूटा और राज्य में कई तरह के माफिया को संरक्षण देकर पंजाबियों की मानसिकता पर गहरे ज़ख़्म दिए हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि लोग अकाली नेताओं के शक्की किरदार से अच्छी तरह अवगत हैं और बादल परिवार की यह ड्रामेबाज़ियां काम नहीं आऐंगी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को मानक सेहत सेवाएं देने के लिए राज्य सरकार ने पंजाब में आम आदमी क्लीनिक स्थापित किये हैं। उन्होंने कहा कि अब तक इन क्लीनिकों में से तकरीबन एक करोड़ लोग इलाज सहूलतें हासिल कर चुके हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह सेहत देखभाल क्षेत्र में नयी क्रांति है और इस क्षेत्र की कायाकल्प करने के लिए कोशिशें चल रही हैं। 

मुख्यमंत्री ने पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री पर टिप्पणी करते हुये कहा कि वह नौ सालों तक ख़ज़ाना खाली होने की बयानबाज़ी करते रहे, जिस कारण राज्य के विकास को ठेस लगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की बागडोर संभालने के बाद एक-एक पैसा राज्य के विकास पर इसके लोगों की भलाई पर खर्च किया जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हमारी सरकार ने राज्य के खजाने की चोरी रोकी जिससे खजाने के एक- एक पैसे का प्रयोग लोगों की भलाई के लिए होना यकीनी बने। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब को किसी से भी ख़ास तौर पर आज केंद्र की सत्ता में काबिज़ व्यक्तियों से देश भगती का सर्टिफिकेट लेने की ज़रूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में पंजाबियों के 90 प्रतिशत योगदान के बावजूद गणतंत्र दिवस की परेड में राज्य की झांकी को रद्द कर दिया गया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के साथ सौतेली माँ वाला व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और पंजाब की देश भगती दिखाने वाली झांकी रद्द करने का इनको कोई हक नहीं है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार पंजाब विरोधी पागलपन की शिकार है, जिस कारण वह राज्य को तबाह करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा के नेतृत्व वाली एन. डी. ए. सरकार की इच्छा पूरी हो तो वह राष्ट्रीय गीत में से भी पंजाब का नाम काट देंगे। भगवंत सिंह मान ने पंजाब के साथ सौतेली माँ वाला व्यवहार अपनाने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना करते हुये कहा कि इसको बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आम परिवार से सम्बन्धित होने और लोगों की भलाई यकीनी बनाने के लिए लगातार काम करने के कारण रिवायती पार्टियाँ उनके साथ द्वेष रख रही हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन नेताओं का हमेशा से मानना था कि उनके पास पंजाब में शासन करने का दैवी अधिकार है, जिस कारण उनको यह बात हज़म नहीं हो रही कि एक आम आदमी बढ़िया तरीके से राज्य को चला रहा है। उन्होंने कहा कि यह नेता लम्बा समय लोगों को मूर्ख बनाते रहे परन्तु अब लोग इनके भ्रामक प्रचार में नहीं फंसेंगे। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने चंडीगढ़ के मेयर के चुनाव में लोकतंत्र का कत्ल किया परन्तु अब सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से लोकतंत्र की जीत हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सभी धक्केशाहियों का ‘आप’ की तरफ से उपयुक्त जवाब दिया जायेगा और उनको लोकतांत्रिक प्रक्रिया को आघात पहुंचाने की छूट नहीं दी जायेगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी लोगों और लोकतंत्र की जीत है। 

Bharat Baani Bureau

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